आरती गीत:-
(आरती अवध बिहारी की)
आरती श्री बनवारी की
सुमति सिया जनक दुलारी की
गले में मोती की माला
छटा छवि महा सिंधु वाला
रवी सी चमक
मणी सी झलक
प्रलय की पलक
चरित शुभ प्रीतम प्यारी की
आरती श्री बनवारी की
कमल नीला सम तन काला
उजाला कुंद इन्दु वाला
हँसत सिय मंद
भजत शिव चंद
कटत भव फंद
अमित छवि सिंधु खरारी की
आरती श्री बनवारी की
अवध प्रिय रवि कुल के भूषण
वधत अरि रावण खर दूषण
बसे हनु हृदय
करें लय प्रलय
भजों शुभ समय
द्रवित दुख भव भयहारी की
आरती श्री बनवारी की
रचना : विरेन्द्र कुमार साहू "प्रवीर"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें