सोमवार, 17 अक्टूबर 2016

करमा माता की आरती

करमा माता की आरती

जय करमा मइया कि माई जय करमा मइया।
निजजन को भवसागर से माँ पार करो नइया॥
कि जय करमा मइया......॥
जब जब पीर पड़ी स्वजनों पर तुम दौड़ी आई।
विपदा हरी तैलकारों की तुमने ही माई ॥
कि जय करमा मइया......॥
साहू वंश उजागर किन्हीं तुमने कल्याणी।
स्वर वंचित तैलिक अधरों को तुमने दी वाणी॥
कि जय करमा मइया......॥
मीरा सी महान दुर्गा सी दक्ष दुष्ट दलनी।
हे करूणामयी हमें शरण दो माता दुखहरणी ॥
कि जय करमा मइया......॥
तेरी खिचड़ी खाने आये जगन्नाथ स्वामी ।
धन्य धन्य माँ करमा जिनके भगवान अनुगामी॥
कि जय करमा मइया......॥
करमा मइया की आरती जो कोई जन गावे।
बेदराम लहे चारि पदारथ सुख समपत्ति पावे॥
कि जय करमा मइया......॥

संकलन- ॥विरेन्द्र साहू॥

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